आखिर क्यों मनाया जाता है Raksha bandhan का त्यौहार
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पाताल के राजा बलि को देवी लक्ष्मी ने राखी बांध कर उन्हें अपना भा
ई बनाया एवं भगवान नारायण को स्वतंत्र कराया, वह दिन सावन पूर्णिमा का था।
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12 वर्षों तक इंद्र एवं दैत्य में युद्ध चला, अपने 12 वर्ष अर्थात
उनके 12 दिन के युद्ध में इंद्र थक गए एवं दैत्य हावी हो रहे थे।
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इंद्र उस युद्ध से स्वयं की प्राण रक्षा कर के पलायन करने के लिए त
ैयार थे।
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इंद्र की यह व्यथा सुनकर इंद्राणि गुरु के शरण में चली गयी गईं।
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गुरु बृहस्पति ने ध्यान लगाकर इंद्राणी से कहा यदि 'आप अपने पतिव्र
त बल का प्रयोग करके यह संकल्प करें कि मेरे पति देव सुरक्षित रहें,
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एवं इंद्र की दाहिनी कलाई पर एक धागा बांधें तो इंद्र युद्ध जीत जा
एंगे।'
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इंद्र विजयी हुए एवं इंद्राणी का संकल्प साकार हुआ
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भविष्य पुराण में बताए अनुसार रक्षाबंधन यह मूलतः
राजाओं के लिए था
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राखी की एक नई पद्धति इसी वजह से से प्रारंभ हुई।
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